दुर्गाष्टमी का व्रत करने से मां दुर्गा की कृपा आप पर हमेशा बनी रहती है । देवी मां सारी बुराईयों का नाश करती है और अपने भक्तों की हर परिस्थिति में रक्षा करती है |
र्गाष्टमीका व्रत प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है । इसे ‘मासिक दुर्गाष्टमी’ के नाम से भी जाना जाता है । इस दिन दुर्गा मां के नौ रूपों में से मां के आठवें रूप महागौरी की पूजा- अर्चना की जाती है । दुर्गाष्टमी का व्रत करने से मां दुर्गा की कृपा आप पर हमेशा बनी रहती है । देवी मां सारी बुराईयों का नाश करती है और अपने भक्तों की हर परिस्थिति में रक्षा करती है । साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है । अष्टमी के दिन सुबह उठकर स्नान कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए और फिर मां दुर्गा की प्रतिमा को शुद्ध जल से स्नान कराकर, नए वस्त्र आभूषण पहनाकर माता का सोलह श्रृंगार करना चाहिए । इसके बाद धूप, दीप, फल-फूल, नैवेद्य आदि से दुर्गा मां की विधिवत पूजा की जाती है । पूजा के बाद देवी मां को उबले चने और हलवे का भोग लगाया जाता है । दुर्गाष्टमी के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करना विशेष पुण्यदायी माना जाता है|